हजार गम मेरी फितरत नही बदल सकते
क्या करू मुझे आदत हे मुस्कुराने की ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हजार गम मेरी फितरत नही बदल सकते
क्या करू मुझे आदत हे मुस्कुराने की ।
कितनी झूठी होती है मोहब्बत की कस्मे,
देखो तुम भी ज़िंदा हो और में भी…..!!
अजब तमाशा है मिट्टी से बने लोगो का ,
बेवफाई करो तो रोते हे अगर वफा करो तो रुलाते हे !
अगर हम सुधर गए तो उनका क्या होगा जिनको हमारे पागलपन से प्यार है|
ज़िस्म छूने से मोहब्ब्त नही होती,
ये वो ज़ज़्बा है जिसे ईमान कहते हैं
हसरतें ना यूँ पाल कर रखिये..
जो मिला है उसे संभाल कर रखिये।
वह सच्चा साहसी है जो कभी भी निराश नहीं होता|
दिल के जज्बातों की,
हिफाजत करें भी तो कैसे…??
महफूज तो धड़कन भी नहीं होती सीने में….!!
जीने के लिए तो एक पल ही काफी है,
बशर्ते आपने उसे किस तरह जिया
उसे किस्मत समझ कर सीने से लगाया था,
भूल गए थे के किस्मत बदलते देर नहीं लगती..