रफ्तार कुछ जिंदगी की यू बनाये रखी हैहमने..
कि दुश्मन भले आगे निकल जाए पर दोस्त कोई पिछे ना छुटेगा.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
रफ्तार कुछ जिंदगी की यू बनाये रखी हैहमने..
कि दुश्मन भले आगे निकल जाए पर दोस्त कोई पिछे ना छुटेगा.
लोग कहते हैं कि मेरी पसंद खराब है
लेकिन फिर भी मैं तुम्हें पसंद करता हूं।
अपने कमाए हुए पैसों से खरीदो,
शौक अपने आप कम हो जायेंगे..!!
गरीब बाँट लेते है ईमानदारी से अपना हिस्सा
अमीरी अक्सर इंसान को बेईमान बना देती है
देखते है हम दोनों जुदा कैसे हो पायेंगे…,
तुम मुकद्दर का लिखा मानते हो…,
हम दुआ को आजमायेंगे…!!!
बहुत दिनों से इन आँखों को यही समझा रहा हूँ मैं
ये दुनिया है यहाँ तो इक तमाशा रोज़ होता है|
उनकी गहरी नींद का मंज़र भी
कितना हसीन होता होगा..
तकिया कहीं.. ज़ुल्फ़ें कहीं..
और वो खुद कहीं…!!
किसी ने क्या ख़ूब फ़र्क़ समझाया है “सही” मे ओर “ग़लत” मे,
जो बात आप अपने माँता-पिता को बोल सकते हो वो “सही”
ओर जो नही बोल सकते वो “ग़लत” हे।
गुलाब के फूलों को होंठो से लगा कर एक अदा से वो बोली
कोई पास ना होता… तो तुम इसकी जगह होते…
इंसान ख्वाइशों से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है…,
उम्मीदों से ही घायल है…उम्मीदों पर ही जिंदा है…!!