बहुत खामोशी सै टुट गया वो दिल जो तुम्हें लेकर बहुत शोर मचाया करता था
Tag: Urdu Shayri
अभी तक शौक है
हसीन आँखों को पढ़ने का अभी तक शौक है मुझको,… मुहब्बत में उजड़ कर भी मेरी ये आदत नहीं बदली…
उसकी जरूरत उसका इंतजार
उसकी जरूरत उसका इंतजार और ये तन्हा आलम, थक कर मुस्कुरा देते है हम जब रो नहीं पाते…!!
मेरा हर लफ़्ज
मेरा हर लफ़्ज हर बात अधूरी है तुम्हारे बिन दिन और रात अधूरी है मैं क्या ग़ज़ल पेश करूँ, यूँ तो तुम्हारे बिन ग़ज़ल की शुरुआत अधूरी है ऐसे बस जाए कभी सोचा ही नहीं तुम्हारे बिन मेरे लिए कायनात अधूरी है कैसे मुकम्मल हो मेरी रूह-ए-ग़ज़ल तुम्हारे बिन ग़ज़ल की पूरी ज़ात अधूरी है
जब पढ़ते थे
जब पढ़ते थे तब भी मार्च डराता था, अब कमाते हैं ,तब भी डराता हैं।
कोई झंकार है
कोई झंकार है, नग़मा है, सदा है क्या है ? तू किरन है, के कली है, के सबा है, क्या है ? तेरी आँख़ों में कई रंग झलकते देख़े सादगी है, के झिझक है, के हया है, क्या है ? रुह की प्यास बुझा दी है तेरी क़ुरबत ने तू कोई झील है, झरना है,… Continue reading कोई झंकार है
छोड़ा हाथ उसने
छोड़ा हाथ उसने सरे-राह बस ये कहते हुये, घर मे बरकत नहीं होती पुरानी चीज़ों के रहते हुये…
मुझे तो पहले से ही
मुझे तो पहले से ही यकीन था तेरी फितरत पर,बस तेरा नज़रें फेर के जाते हुए देखना बाकी था|
मेरे घर के आईने बदल गया
मुझको मेरी शक्ल आज लग रही है अजनबी.. ना जाने कौन मेरे घर के आईने बदल गया…!!
वक़्त मेरा भी सही आयेगा
गलत निकलेगा तेरा अन्दाजा। वक़्त मेरा भी सही आयेगा ।।