वो मेरी हर दुआ में शामिल था
जो किसी और को बिन मांगे मिल गया|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो मेरी हर दुआ में शामिल था
जो किसी और को बिन मांगे मिल गया|
सारी दुनिया का हुस्न देख लिया
तुम आज भी लाजवाब लगती हो..!
उल्टी पड़ी है,
कश्तीयाँ रेत पर मेरी…!!
कोई ले गया है,
दिल से समंदर निकाल कर…!!
सवालो मे रहेने दो मै जवाब बहुत बुरा हुं…
लबो पे आ गया तो संभालना मुश्कील हो जायेगा
उसे छुना जुर्म है,
तो मेरी फाँसी का इन्तेजाम करो..
मै आ रहा हु उसे सीने से लगा कर…
अल्फाज़ अक्सर अधूरे ही रह जाते है मोहब्बत में ,
हर सख्स किसी न किसी की चाहत दिल में दबाये रखता है|
अगर लोग यूँ ही कमिया निकालते रहे तो,…
एक दिन सिर्फ खुबिया ही रह जायेगी मुझमे …
जिनको थामा हाथ समझ कर,
वो केवल दस्ताने निकले..!
तुम मुझे हंसी हंसी में खो तो दोगे,
पर याद रखना… आंसुओं में ढ़ूंढ़ोगे…
इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,
और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले