चुप्पियां जिस दिन खबर हो जायेगी,
कई हस्तियां दर – ब – दर हो जायेगी
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
चुप्पियां जिस दिन खबर हो जायेगी,
कई हस्तियां दर – ब – दर हो जायेगी
जीभ में हड्डिया नहीं होती
फिर भी
जीभ हड्डियां तुड़वाने की
“ताक़त” रखती हैं..!!
शक तो था मोहब्बत में नुक़सान होगा ।। ..
पर सारा हमारा ही होगा ये मालूम न था!!
हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया,हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई.
तू अपने ग़रीब होने का दावा न कर, ऐ दोस्त,
हमने देखा है तुझे बाज़ार में “तुवर की दाल” खरीदते हुए…
अलफ़ाज़ तो बहुत हैं,मोहब्बत बयान करने के लिए।
पर जो खामोशी नहीं समझ सके, वो अलफ़ाज़ कया समझेंगे !!
देखा आज मैने
रास्ते पर बिखरा हुआ
सुख जो दौलत का था
दुख जो औरत का था
रास्ते पर खड़ी हुई
सोचती ये रह गई
किस कदर गिर गया
इंसान जो कुदरत का था
?” रिश्ता “?
कई लोगों से होता है , मगर …
कोई प्यार से निभाता है तो …
कोई नफरत से निभाता है ..
?” दर्द “?
सभी इंसानो मे है
मगर …
कोई दिखाता है तो …
कोई छुपाता है …..
?” हमसफर “?
सभी है मगर …
कोई साथ देता है तो …
कोई छोड देता है …..