सब्र कर बन्दे, मुसीबत के दिन गुजर जायेगे.
आज जो तुजे देखके हस्ते है.
वो कल तुजे देखते रह जायेगे
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सब्र कर बन्दे, मुसीबत के दिन गुजर जायेगे.
आज जो तुजे देखके हस्ते है.
वो कल तुजे देखते रह जायेगे
मै लिखता हु शिकायते तेरी तु पढ़ती है मोहब्बत मेरी॥
जहाँ से इश्क ख़त्म होता है
वहाँ से जिंदगी शुरू होती है।
काश तुम भी हो जाओ
तुम्हारी यादों की तरह.
ना वक़्त देखो, ना बहाना, बस चले आओ…
आज अपनी फालतू चीजें बेच रहा हूँ मैं,
है कोई ऐसा जिसे मेरी शराफत चाहिए !!
बन के तुम मेरे मुझको मुक्कमल करदो,
…
अधूरे अधूरे तो अब, हम खुद को भी अच्छे नही लगते ।
सस्ता न समझ ये इश्क़ का सौदा पगली,
तेरी हँसी के बदले पूरी जिंदगी दे रहा हूँ…….
दोनों की पहली चाहत थी ,दोनों टूट के मिला करते
थे,
वो वादे लिखा करती थी ,में कसमे
लिखा करता था ।।
सुकून मिलता है दो लफ्ज कागज पर उतार कर…
.
चीख भी लेता हू….और आवाज भी नही होती।
मुझे जानू कहने वाली गर्ल फ्रेंड
नही भी मिली तो चलेगा पर…….
मुश्किल वक़्त पे भाई कहने वाला दोस्त होना चाइये….