क्या मीजाज ए मोसम है यारो
हम कुलर ठीक करवा रहे है
ओर
जरुरत फीर से हीटर की है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
क्या मीजाज ए मोसम है यारो
हम कुलर ठीक करवा रहे है
ओर
जरुरत फीर से हीटर की है
Janab mat puchiye hadd hamari gustakhiyan ki, hum aaina zameen par rakh kar aasman kuchal diya karte hain….
मैं अपनी ‘ज़िंदगी’ मे हर किसी को
‘अहमियत’ देता हूँ…क्योंकि
जो ‘अच्छे’ होंगे वो ‘साथ’ देंगे…
और जो ‘बुरे’ होंगे वो ‘सबक’ देंगे…!
बुरा वक्त सब पर आता है,
कोइ बिखर जाता है,
तो कोइ निखर जाता है…
उसके ना होने से कुछ
भी नहीं बदला यारों …
बस कल जहाँ दिल होता था,
आज वहाँ दर्द होता हैं …
ज़िन्दगी को बड़े ही
शौक से जिया है हमने,
तुमसे मिले तो पलों में
ज़िन्दगी को पा लिया…
तेरी यादों का तकिया, लगाता हूँ जब भी सिरहाने,
उदासियां आ जाती है, तन्हाइयों की चद्दर उढाने..
Tu Kya Jaane Hamare Pyar Ki Gehraai Ko…!
Hum Sath Hote Hain To Wafa Karte Hain..
Aur Jab Door Hote Hain To Dua Karte hain…!!
Band mutthi se girti huyi rait ki tarah,
Bhulaa diya tum ne to zara zara kar k…!!
यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो….
जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर ‘भीख’ मांगता है…!!