आज तो हम

आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें,
सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है!

टपक पड़ते है

टपक पड़ते है आंसू जब तुम्हारी याद आती है,
ये वो बरसात है जिस का कोई मोसम नहीं होता!!

खुश नसीब होते हैं

खुश नसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी.. मिलने को तरसते हैं…

यहाँ हर कोई

यहाँ हर कोई रखता है खबर ,
गैरो के गुनाहों की …..

अजब फितरत हैं ….
कोई आईना नही रखता !!

कुछ इस तरह

कुछ इस तरह से
मेरी वो फिकर करता है

अनजान बनकर ही सही
पर मेरा जिकर करता है|