ताल्लुक़ कौन रखता है

ताल्लुक़ कौन रखता है
किसी नाकाम से…!

लेकिन, मिले जो कामयाबी
सारे रिश्ते बोल पड़ते हैं…!

मेरी खूबी पे रहते हैं यहां,
अहल-ए-ज़बां ख़ामोश…!

मेरे ऐबों पे चर्चा हो तो,
गूंगे बोल पड़ते हैं…!!

एक वो दिन

एक वो दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आंसू का,
एक वो दिन जब एक जरा सी बात पे नदियां बहती थीं।