हमारा क़त्ल करने की उनकी साजिश तो देखो,
गुज़रे जब करीब से तो चेहरे से पर्दा हटा लिया !!
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जो मेरी लिखावट है
भीगी भीगी सी ये जो मेरी लिखावट है,
स्याही में थोड़ी सी, मेरे अश्कों की मिलावट है !!
हसरतें आज भी
हसरतें आज भी ख़त लिखती हैं मुझे…
मगर अब हम पुराने पते पर नहीं रहते ..
उम्र भर उठाया
उम्र भर उठाया बोझ उस कील ने…
और लोग तारीफ़ तस्वीर की करते रहे….
मिटाओगे कहाँ तक
मिटाओगे कहाँ तक मेरी यादें और मेरी बातें,
मैं हर मोड़ पर लफ्ज़ों की निशानी छोड़ जाऊँगा !!
तजुर्बा एक ही काफी था
तजुर्बा एक ही काफी था ,बयान करने के लिए ,
मैंने देखा ही नहीं इश्क़….. दोबारा करके…..!!!
खौफ नहीं अजनबी से
खौफ नहीं अजनबी से मुलाकात का,फिक्र है की कौई रिश्ता ना बन जाये !!
चल ना यार हम फिर से
चल ना यार हम फिर से मिट्टी से खेलते है,हमारी उम्र क्या थी जो मोहब्बत से खेल बैठे !!
हमको टालने का शायद
हमको टालने का शायद तुमको सलीका आ गया हे.बात तो करते हो लेकिन अब तुम अपने नही लगते !!!
बहुत रोये वो
बहुत रोये वो हमारे पास आके जब एहसास हुआ
अपनी गलती का,चुप तो करा देते हम,
अगर चहरे पे हमारे कफन ना होता.