लिखते है सदा उन्हीं के लिए,
जिन्होंने हमे कभी पढ़ा ही नहीँ।।
Tag: Shayri
कभी फूर्सत मिली
कभी फूर्सत मिली तो तेरी ज़ूल्फ भी सूलझाउंगा
आज ऊलझा हूवा हूं हालात को सूलझाने मे
कितनी आसानी से
कितनी आसानी से तुम्हारा जाना हुआ,
रोका भी नही रुके भी नही पूछा भी नही सुना भी नही।।
दिल में आया था
दिल में आया था कोई,
जल्दी में था सो चला गया।।
नज़दीक आते जा रहे हो
बहुत नज़दीक आते जा रहे हो,
बिछड़ने का इरादा कर लिया है क्या।।
कागज पर गम को
कागज पर गम को उतारने के अंदाज ना होते,
मर ही गए होते अगर शायरी के अलफ़ाज़ ना होते।।
इश्क तुझ से
इश्क तुझ से बुरा नहीं कोई,
हर भले का बुरा किया है तूने।।
मुझसे हर बार
मुझसे हर बार नजरें चुरा लेता है वो
मैंने कागज पर भी बना कर देखी है आँखें उसकी
करूँ क्यों फ़िक्र
करूँ क्यों फ़िक्र कि
मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी
जहाँ होगी महफिल यारो की
मेरी रूह वहा मिलेगी|
मैं तुझसे अब
मैं तुझसे अब कुछ नहीं मांगता ऐ ख़ुदा,
तेरी देकर छीन लेने की आदत मुझे मंज़ूर नहीं।।