बेचैन निकलने को है, हसरत का जनाज़ा ।
है आखिरी मौक़ा, तुझे आना है तो आजा ।।
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काश के वो लौट आये
काश के वो लौट आये मुझसे ये कहने ,
की तुम कोन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले ??
आज मैंने दिल के
आज मैंने दिल के जज्बात भेजे,
तुमने फिर भी अलफ़ाज़ ही समझे !!
कुछ अजीब सा
कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियां;
ना नफरत की वजह मिल रही है ना मोहब्बत का सिला..!
लोग रहते हैं
लोग रहते हैं मकानों को महल बना कर,
और मेरा भगवान मिट्टी की मूरत में रहता है…
दर बदर पनाह को
दर बदर पनाह को भटकता है सच,
झूठ महलों में अठखेलियाँ करता है…
आज फिर उतनी ही
आज फिर उतनी ही मोहब्बत से बुलाओ ना,
कह दो मिलने का मन कर रहा है आओ ना।।
सभी के दामन में
सभी के दामन में दाग होते है,
ये सुनकर लोग नाराज क्यों होते है??
जादू वो लफ़्ज़ लफ़्ज़ से
जादू वो लफ़्ज़ लफ़्ज़ से करता चला गया,
और हमने बात बात में हर बात मान ली।।
मेरे टूटने का
मेरे टूटने का जिम्मेदार मेरा जौहरी ही है,
उसी की ये जिद थी अभी और तराशा जाय…