हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये ,
जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये ,
जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके !!
फासला और फैसला बड़ा एहमियत
रखते है जिंदगी में!
एक ज्यादा दूसरा गलत हर रिश्ता
तोड़ देता है!!
आसमां में मत दूंढ अपने सपनो को,
सपनो के लिए तो ज़मी जरूरी है,
सब कुछ मिल जाए तो जीने का क्या मज़ा,
जीने के लिये एक कमी भी जरूरी है
फैसला जो कुछ भी हो मंजूर होना चाहिए
ज़ंग हो या इश्क़ भरपूर होना चाहिए
कारवां – ए – जिदंगी हसरतों के सिवा कुछ भी नही ,
ये किया नही , वो हुआ नही , ये मिला नही, वो रहा नही
तोङ दिए मैने अपने घर के सारे आइने आज…..
.
प्यार मेँ ठुकराए लोग मुझसे देखे नहीँ जाते…..
जिंदगी का सफर कुछ यू तय हुआ…
की समझ नहीं आता की जिंदगी थी या मुट्ठी में भरी रेत…
अपनो की कोई बात बुरी लगे तो आप खामोश हो जाईए,
अगर वह अपने है तो समझ जाएंगे,
अगर ना समझे तो आप समझ लेना,
की वह अपने थे ही नही…
नादानियाँ झलकती हैं अभी भी मेरी आदतों से,
मैं खुद हैरान हूँ के मुझे इश्क़ हुआ कैसे…!!!
जलवे तो बेपनाह थे इस कायनात में…
ये बात और है कि नज़र तुम पर ही ठहर गई…!