मैं पसंद करता हूँ उन
लोगो को…
जो मुझे पसंद नहीं करते…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मैं पसंद करता हूँ उन
लोगो को…
जो मुझे पसंद नहीं करते…!!!
ऐ उम्र !
कुछ कहा मैंने,
पर शायद तूने सुना नहीँ..
तू छीन सकती है बचपन मेरा,
पर बचपना नहीं..!!
हर बात का कोई जवाब नही होता
हर इश्क का नाम खराब नही होता…
यु तो झूम लेते है नशेमें पीनेवाले
मगर हर नशे का नाम शराब नही होता…
खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है
हंसती आखों में भी जख्म गहरे होते है
जिनसे अक्सर रुठ जाते है हम,
असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है..
किसी ने खुदासे दुआ मांगी
दुआ में अपनी मौत मांगी,
खुदा ने कहा, मौत तो तुझे दे दु मगर,
उसे क्या कहु जिसने तेरी जिंदगी की दुअा मांगी…
हर इंन्सान का दिल बुरा नही होता
हर एक इन्सान बुरा नही होता
बुझ जाते है दीये कभी तेल की कमी से….
हर बार कुसुर हवा का नही होता!!!………
सोनेरी संध्या…
उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो
खर्च करने से पहले कमाया करो
ज़िन्दगी क्या है खुद ही समझ जाओगे
बारिशों में पतंगें उड़ाया करो
दोस्तों से मुलाक़ात के नाम पर
नीम की पत्तियों को चबाया करो
शाम के बाद जब तुम सहर देख लो
कुछ फ़क़ीरों को खाना खिलाया करो
अपने सीने में दो गज़ ज़मीं बाँधकर
आसमानों का ज़र्फ़ आज़माया करो
चाँद सूरज कहाँ, अपनी मंज़िल कहाँ
ऐसे वैसों को मुँह मत लगाया करो
मेरे साथ बैठ के वक़्त भी रोया एक दिन।
बोला बन्दा तू ठीक है …मैं ही खराब चल रहा हूँ।
तेरे मिलने से कुछ ऐसी बात हो गई,
कुछ भी नहीं था पास मेरे,
जिंदगी से मुलाकात हो गई.
फूल थे गैर की किस्मत में अगर ऐ जालिम,
तूने पत्थर ही फेंक के मुझे मारा होता।
शायरी से इस्तीफा दे रहा हूँ साहब…..
किसी बेवफा ने फिर वफ़ा का वादा किया है ।
तुझे याद कर लूँ तो मिल जाती है हर दर्द से राहत …
लोग यूँ ही हल्ला मचाते है कि दवाइयाँ महँगी हैं …..
जोड़ी भी क्या खूब बनाई उस खुदा ने,
तु मासूम सी लड़की और मैं शायर बदनाम.……
एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है,
मैंने हर करवट सोने की कोशिश की………