Mohabbat ke kaafile ko kuch der to rok lo
aate hain hum bhi paanv se kaante nikaalkar
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
Mohabbat ke kaafile ko kuch der to rok lo
aate hain hum bhi paanv se kaante nikaalkar
ख्वाब शीशे के थे पिघल गये,
जिंदगी तेरी आँच ज्यादा थी……
एक ठहरा हुआ खयाल तेरा,
न जाने कीतने लम्हों को रफ्तार देता है..!
Na sangharsh ho na takleef ho,
to kya maza hai jeene mein;
bade bade toofan tham jaate hain,
jab aag lagi ho seene mein
हम ना जीते हैं ना मरते हैं….
दर्द भेजो या दवा भेजो तुम ।
बोलने का अंदाज़ शायराना जरूर है… मेरा,
…
मगर हर दफा टूटने पर आवाज़ आये, वो आईना नहीं हूँ मैं ।
तुझे शिकायत है
कि मुझे बदल दिया वक़्त ने…!कभी खुद से भी सवाल कर’क्या तूं वही
है’…….?
ज़माने तेरे सामने
मेरी कोई हस्ती नहीं,लेकिन कोई खरीद ले इतनी भी ये सस्ती नहीं…
जो हैरान हैं मेरे
सब्र पर उनसे कह दो.., जो आसूँ जमीं पर नहीं गिरते, अकसर दिल चीर
जाते है ……!
तुम एक महंगे खिलोने हो
और मै एक गरीब का बच्चा,
मेरी हसरत ही रहेगी तुझे अपना बनाने की !!