जितने भी जख्म थे सबको सहलाने आये है,
वो माशुक खंजर के सहारे मरहम लगाने आये हैं………..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जितने भी जख्म थे सबको सहलाने आये है,
वो माशुक खंजर के सहारे मरहम लगाने आये हैं………..
Mere Saaray Sawal Honton Par…
Us Kay Saaray Jawab Aankhon Main…☆☆
Bad’ dua main wo hunar kahan
Allah ney jo duaon me namaza hai
Khoye Huwe Ansuo Se Mohbat Mujhe bhi Hai,
Teri Tarah Zindgi Se Sikayat Mujhe bhi Hai,
Tu Agr Nazuk Hai to Pathar Main Bhi Nahi,
Tanhai Me Rone Ki Aadat Mujhe bhi Hai.
खुदा का शुक्र है कि ख्वाब बना दिये,
वरना तुम्हें देखने की तो बस हसरत ही रह जाती।
रिश्तों में इतनी बेरुख़ी भी अच्छी नहीं हुज़ूर..
देखना कहीं मनाने वाला ही ना रूठ जाए तुमसे..!!
: मेरी वाली तो इतनी भुल्लकड़ है….
पगली
पैदा होना ही भूल गयी.
आ जाते हैं वो भी रोज ख्बाबो मे,
जो कहते हैं हम तो कही जाते ही नही
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते..
लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र
याद रहता हैं
कितने सालों के इंतज़ार का सफर_खाक हुआ ।
उसने जब पूछा “कहो कैसे आना हुआ”।!!