कोई तो लिखता होगा इन कागज़ के ज़र्रों और इन पत्थरों का नसीब,
वरना यह मुमकिन नहीं कि कोई पत्थर ठोकर खाए,आैर कोई भगवान हो जाए….
कोई कागज़ रद्दी बन जाए तो कोई कागज़ गीता या कुरान हो जाए…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कोई तो लिखता होगा इन कागज़ के ज़र्रों और इन पत्थरों का नसीब,
वरना यह मुमकिन नहीं कि कोई पत्थर ठोकर खाए,आैर कोई भगवान हो जाए….
कोई कागज़ रद्दी बन जाए तो कोई कागज़ गीता या कुरान हो जाए…!
MOHABBAT Rooh Ka Zewar
Pehen Le Jo Nikhar Jaaye,
Wafa Bhi Ho Agar Shaamil
To Bikhra DIL Sanwar Jaaye.
AGAR LOG AAPKO SIRF JARURAT KE WAQT HI YAAD KARTE HAI TO
BURA MAT MANO.
KYOKI
“MOMBATI KI YAAD TABHI AATI HAI JAB CHARO TARAF ANDHERA HO JATA HAI
Main Chahta Hoon, Tujhe Younhi Umar Bhar
Dekhoon
Koi Talab Na Ho Dil Mein, Teri Talab K Siwa…!!!
Har Shakhs Hota Hai
Kisi Na Kisi
Hunar Ka Sikandar ..
Magar Kambakhat
Ye Haalaat
Wafa Nahi Karte
हमेँ देख कर उसने,मुह मोड लिया……
,,,,,
तसल्ली सी हो गयी,,कि चलो,पहचानती तो
है…..
“ये इक दिन मौत से सौदा करेगी,
जरा…होशियार रहना ज़िंदगी से”..
क्या हसीन इत्तेफाक़ था तेरी गली में आने का.,
किसी काम से आये थे, किसी काम के ना रहे..
जन्म-जन्मांतर के
टूटे रिश्ते भी जुड़ जाते हैं,
बस सामने वाले को
आपसे कोई काम पड़ना चाहिए..!!
“भरोसा” बहुत बड़ी तकात है
पर यह यू ही नही काम आती है
खुद पर रखो तो “ताकत” और दुसरो पर रखो
तो “कमजोरी” बन जाती है ।