Baarha khwaab me
Paa kar mujhe pyaasa sa..
Oski zulfon ne kiya
raqs ghataaon jeisa..!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
Baarha khwaab me
Paa kar mujhe pyaasa sa..
Oski zulfon ne kiya
raqs ghataaon jeisa..!
माँ बाप की
मजबूरी ऐ काश कोई समझे,
कमज़ोर बुढ़ापा है मुँहज़ोर जवानी
है…!!
दुनियावी तजुर्बा है हक़ीकत में है होता ;
जो माँ -बाप का
न
होता किसी का नहीं होता …
इतने न कर जुल्म माँ बाप पर बन्दे ;
वे
सोचने लगे कि बेऔलाद ही होता .
माँ बाप को ही गर दे
दिया,उसने उलट जवाब तो फिर
उसका व्यर्थ है,पढना चार
किताब…!!
न अपनों से खुलता है,
न ही गैरों से खुलता है.
ये जन्नत का दरवाज़ा है, माँ के पैरो से
खुलता है.!!
ऊपर जिस
का अंत नहीं उसे आसमान कहते है,
जहान में जिस का अंत नहीं
उसे माँ कहते है
दौलत छोड़ी दुनिया
छोड़ी सारा खज़ाना छोड़
दिया;
माँ के प्यार में दीवानों ने राज घराना
छोड़ दिया;
.
दरवाज़े पे जब लिखा हमने नाम अपनी माँ का;
मुसीबत
ने दरवाज़े पे आना छोड़ दिया।
बुलंदियों का बड़े से
बड़ा निशान छुआ,
उठाया गोद में माँ ने तब आसमान छुआ
तुम्हें ग़ैरों से कब
फुर्सत हम अपने ग़म से कब ख़ाली
चलो बस हो चुका मिलना न
तुम ख़ाली न हम ख़ाली.