दोस्तों से भरे

तू देख कि तुझसे इश्क करने में मुझे कैसे जीना पड़ गया
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दोस्तों से भरे शहर में दीवारों से लिपट कर रोना पड़ गया

आज मौसम ने भी

आज मौसम ने भी की बचकानी हरकत दो बून्द
कशिश के साथ बस एहसास दिलाकर
चला गया..
महसूस कुछ यूँ हुआ कि वो पास आकर
चला गया..!!

मोहलत लेकर आयेंगे

वादा करते हैं दोस्ती निभाएंगे कोशिश यही रहेगी तुझे ना सताएँगे

ज़रूरत पड़े तो दिल से पुकार ना

मर भी रहे होंगे तो मोहलत लेकर आयेंगे