बात वफाओँ की होती तो
कभी ना हारते हम..
खेल नसीबोँ का था
भला उसे कैसे हराते.!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बात वफाओँ की होती तो
कभी ना हारते हम..
खेल नसीबोँ का था
भला उसे कैसे हराते.!!
Tauba q karte ho tum ishq se..
Mehbub tumhara befawa h..
Toh ishq ka kya kasoor…
Tujhe bhulna Na-Mumkin H….
qki
Aankhe andhi V ho jaye to ansu ruka nai karte..
एक तुम हो जिस पर दिल आ गया वरना…
हम खुद गुलाब हैं किसी और फूल की ख्वाहिश
नही करते…
सर पर चढ़कर बोल रहे हैं, पौधे जैसे लोग,
पेड़ बने खामोश खड़े हैं, कैसे-कैसे लोग…..
मैं दुनिया के तार मिलाता रहता हूँ
दुनिया मेरे फ्यूज उड़ाती रहती है |
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,…..
नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी|
कुछ इस तरह से नाराज़ है वो हमसे,
जैसे उन्हे किसी और ने मना लिया हो|
कौन कहता है के मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते,
रास्ते गवाह है,
बस कमबख्त गवाही नहीं देते ।।
गिनती तो ठीक से सीखी नही,
मगर…
इतना मालूम है,
खुसिया बाटने से बढ़ती है..!!