कभी जो लिखना

कभी जो लिखना चाहा तेरा नाम अपने नाम के साथ

अपना नाम ही लिख पाये और स्याही बिखर गई…..

आज नही तो कल

आज नही तो कल ये एहसास हो ही
जायेगा….!!..
कि “नसीब वालो” को ही मिलते है फिकर
करने वाले”

इस कदर हम

इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए,
कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए,
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!