वो यूँ मिला था कि जैसे कभी न बिछड़ेगा…
वो यूँ गया कि कभी लौट कर नहीं आया… !!!
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शब्दों को अधरों पर
शब्दों को अधरों पर रखकर दिल के भेद ना खोलो,
मैं आँखों से सुन सकता हूँ तुम आँखों से बोलो।
कुछ महकी-महकी यादें
कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकी-महकी यादें,
जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।
वो जो तस्वीर से
वो जो तस्वीर से गुफ़्तगू का हुनर जानते हैं …
कहाँ है मोहताज किसी से बातचीत के।
जिंदगी किसने बरबाद की
उसने पुछा जिंदगी किसने बरबाद की ,
हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली…
बैठें तो किस उम्मीद पर
बैठें तो किस उम्मीद पर बैठे रहे यहाँ,
उठे तो उठ के जायें कहाँ तेरे दर से हम।
बेगानावार ऐसे वो
बेगानावार ऐसे वो गुजरे करीब से,
जैसे कि उनको मुझसे कोई वास्ता न था।
न जाने किधर जा रही है
न जाने किधर जा रही है यह दुनिया,
किसी का यहाँ कोई हमदम नहीं है।
दिल में कमी
दिल में कमी कुछ ऐसी महसूस हो रही है,
नजदीक आके जैसे बहुत दूर हो गये है।
तेरे सवाल पै चुप हैं
तेरे सवाल पै चुप हैं, इसे गनीमत जान,
कहीं जवाब न दे दें कि मैं नहीं सुनता।