कुछ तो सम्भाला होता….
मुझे भी खो दिया तुमने…..
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वक़्त को मेरी फ़िक्र थी..
वक़्त को मेरी फ़िक्र थी..
उसे शायद ये पता नहीं था..
की वो भी गुज़र रहा है..!!
सिर्फ पढने भर का
सिर्फ पढने भर का रिश्ता मत रखिये
कभी खैरियत भी तो पूछ लिया कीजिये..!!
यूँ ही आँखें
यूँ ही आँखें किसी की नम नहीं होतीं।
दिल टूटता है पहले, फिर बनते हैं मोती।
मैं आदमी हूँ
मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया
दिल रोता है
दिल रोता है चेहरा हँसता रहता है कैसा कैसा फ़र्ज़ निभाना होता है..
उसे भरम है
उसे भरम है अभी के वो नादान जीतेगा।
जो सच्चा होगा वही मेरी जान जीतेगा ।
तू डरता क्यूँ है इन झूठ के सौदागरों से ।
जंग जब भी होगी दावा है ईमान जीतेगा।।
हम मरेगें भी तो
हम मरेगें भी तो उस अंदाज से,
जिस अंदाज में लोग जीने को भी तरसते है।
उनकी आँखों से
उनकी आँखों से आँखें मिली
और हमको नशा हो गया…
नसीब में नही होता
जिनका मिलना
नसीब में नही होता।
उनसे मुलाक़ात
कमाल की होती है।