बेनूर सी लगती है उससे बिछड़ के जिंदगी..
अब चिराग तो जलते है मगर उजाला नहीं करते..
Tag: Shayri
वहाँ तक तो साथ चलो
वहाँ तक तो साथ चलो ,जहाँ तक साथ मुमकिन है ,
जहाँ हालात बदल जाएँ , वहाँ तुम भी बदल जाना …
बदल जाती हो तुम …
बदल जाती हो तुम कुछ पल साथ बिताने के
बाद……
यह तुम मोहब्बत करती हो या नशा…
कुछ तो सम्भाला होता..
कुछ तो सम्भाला होता….
मुझे भी खो दिया तुमने…..
वक़्त को मेरी फ़िक्र थी..
वक़्त को मेरी फ़िक्र थी..
उसे शायद ये पता नहीं था..
की वो भी गुज़र रहा है..!!
सारा बदन अजीब सी
सारा बदन अजीब सी खुशबु से भर गया…
शायद तेरा ख्याल हदों से गुजर गया…
दर्द मीठा हो तो
दर्द मीठा हो तो रुक -रुक के कसक होती है,
याद गहरी हो तो थम -थम के करार आता है।
मैं आदमी हूँ
मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर
मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया….
सुनो यही तो
सुनो यही तो प्यार होता है ना
जब कोई जीने लगता हैं
किसी और के जिस्म में
रूह बनकर
ये जो ख़ामोश से
ये जो ख़ामोश से अल्फ़ाज़ लिखे हैं मैंने,
कभी ध्यान से पढ़ना, चीखते कमाल है।