आसमान जो इतना बुलंदी पर इतराता है,
भूल जाता है ज़मीन से ही नज़र आता है।
Tag: Shayri
सुरमे की तरह
सुरमे की तरह पीसा है हमें हालातों ने,
तब जा के चढ़े है लोगों की निगाहों में..
दिन ढले करता हूँ
दिन ढले करता हूँ बूढ़ी हड्डियों से साज़-बाज़……
जब तलक शब ढल नहीं जाती जवाँ रहता हूँ मैं…….
खाली ज़ेब लेकर
खाली ज़ेब लेकर निकलो कभी बाज़ार में जनाब…
वहम दूर हो जायेगा इज्ज़त कमाने का…
हम दिल के सच्चे
हम दिल के सच्चे कुछ एहसास लिखते हैं,
मामूली शब्दों में ही सही, कुछ खास लिखते हैं।
कुछ एहसास लिखते हैं
हम दिल के सच्चे कुछ एहसास लिखते हैं,
मामूली शब्दों में ही सही, कुछ खास लिखते हैं।
क्यूँ नहीं हो सकती मोहब्बत
क्यूँ नहीं हो सकती मोहब्बत ज़िंदगी में दोबारा,
बस हौसला चाहिए फिर से बर्बाद होने के लिए।
लोग तलाशते है
लोग तलाशते है कि कोई फिकरमंद हो,
वरना ठीक कौन होता है यूँ हाल पूछने से?
वो पन्ने आज भी
वो पन्ने आज भी कोरे हैं,जिन पर तुझको लिखना चाहा।
दिखाई देता नहीं
दिखाई देता नहीं दूर तक कोई मंज़र,
वो एक धुंध मेरे आसपास छोड़ गया !