ऐ ग़ालिब तू शोर न कर….
रजामंद तुझे भी किया जायेगा….
फरमाईस बता तेरी क्या है
पैमाने-जाम तुझे भी दिया जायेगा……..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ऐ ग़ालिब तू शोर न कर….
रजामंद तुझे भी किया जायेगा….
फरमाईस बता तेरी क्या है
पैमाने-जाम तुझे भी दिया जायेगा……..
ईश्वर जिन्हे खून के रिश्ते में बाँधना भूलजाता है उन्हें दोस्त बना देता है ……..
जिंदगी पर बस इतना ही लिख पाया हूँ मैं…
बहुत मजबूत रिश्ते थे मेरे,,,
पर बहुत कमजोर लोगों से…
कहीं धब्बा न लग जाये तेरी बंदानवाजी पर, मुझे भी देख मुद्दत से तेरी महफिल में रहते है।
हज़ार दर्द हों सीने में फिर भी हँस देना
सभी के बस का ये कमाल थोड़ी है
फ़रार हो गई होती कभी की रूह मिरी बस एक जिस्म का एहसान रोक लेता है|
हवा के हौसले ज़ंजीर करना चाहता है वो मेरी ख़्वाहिशें तस्वीर करना चाहता है
तेरा हाथ छूट जाने से डरता हूँ मैं दिल के टूट जाने से डरता हूँ|
तुमको दे दी है इशारों में इजाज़त मैंने….
मांगने से ना मिलूं तो चुरा लो मुझको….
मुझे शायद सूरत देखकर ही प्यार करना था
दिल देख के प्यार करने का नतीजा भुगत लिया मैने !!