क़ैद ख़ानें हैं , बिन सलाख़ों के…कुछ यूँ चर्चें हैं , तुम्हारी आँखों के…
Tag: Shayri
क्या करना करेडों का
क्या करना करेडों का, जब अरबो का बापू साथ है ।
आवाज़ बर्तनों की
आवाज़ बर्तनों की घर में दबी रहे,
बाहर जो सुनने वाले हैं, शैतान हैं बहुत….
ऐसी भी अदालत है
ऐसी भी अदालत है जो रूह परखती है,
महदूद नहीं रहती वो सिर्फ़ बयानों तक
आपके ही नाम से
आपके ही नाम से जाना जाता हूँ “पापा”.
भला इस से बड़ी शोहरत मेरे लिए क्या होगी…
मोहब्बत का कफ़न दे
मोहब्बत का कफ़न दे दो तो शायद फिर जनम ले ले !!
अभी इंसानियत की लाश चौराहे पे रक्खी है !!
मैंने कब तुम से
मैंने कब तुम से मुलाकात का वादा चाहा,
मैंने दूर रहकर भी तुम्हें हद से ज्यादा चाहा..
दाद न देंगे तो
दाद न देंगे तो भी शेर बेहतरीन रहेंगे
सजदा न भी करे ख़ुदा ख़ुदा ही रहेंगे…
पानी भी क्या अजीब चीज़ है
पानी भी क्या अजीब चीज़ है नजर उन आँखों में आता है जिनके खेत सूखे हैं
बहुत संभल के
बहुत संभल के चलने से….. थक गया है दिल
अब लड़खड़ा के धड़ाम से……. गिरने को जी
करता है