ये खामोश मिजाजी तुम्हे जीने नहीं देगी, इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो।
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महंगाई का आलम
महंगाई का आलम ना पूछो दोस्तों घर क्या ले जाना है, जानबूझ के भूल जाता हूँ!!
हम मोहब्बत में
हम मोहब्बत में दरख्तों की तरह हैं…
जहाँ लग जायें वहीं मुद्दतों खड़े रहते हैं…!!
स्कूल खत्म हुए तो
स्कूल खत्म हुए तो रस्ते अलग हुए
फिर उसके बाद कभी हम मिले नहीं..!
वो जग़ह मुझे
वो जग़ह मुझे अब भी अज़ीज़ है..
जहाँ मुझे उजाड़ कर
बस गए हैं लोग कई..
बहुत तड़पा हूं
बहुत तड़पा हूं खुदाया…
तेरे इक बन्दे के पीछे
ज़िन्दगी तस्वीर भी है
ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी!
फर्क तो रंगों का है!
मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर;
और अनजाने रंगों से बने तो तकदीर!!
या तो हमें मुकम्मल
या तो हमें मुकम्मल, चालाकियां सिखाई जाएं;
नहीं तो मासूमों की, अलग बस्तियां बसाई जाएं!
उसने फिर मेरा हाल पूछा है…
उसने फिर मेरा हाल पूछा है…
कितना मुश्किल सवाल पूछा है॥
कभी जी भर के
कभी जी भर के बरसना…
कभी बूंद बूंद के लिए तरसना…
ऐ बारिश तेरी आदतें मेरे यार जैसी है…!!