अकेले कैसे रहा जाता है, कुछ लोग यही सिखाने हमारी ज़िन्दगी में आते हैं।।
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तडप तो कुछ भी नहीं है
मेरी तडप तो कुछ भी नहीं है , सुना है उसके दीदार को तो आईने भी तरसते है ।
मैं इस काबिल तो नही
मैं इस काबिल तो नही ,कि कोई अपना समझे… पर इतना यकीन है… कोई अफसोस जरूर करेगा;मुझे खो देने के बाद !!
लगने दो आज महफ़िल
लगने दो आज महफ़िल, चलो आज शायरी की जुबां बहते हैं . तुम उठा लाओ “ग़ालिब” की किताब,हम अपना हाल-ए-दिल कहते हैं.|
लत एसी लगी है
लत एसी लगी है की तेरा नशा मुझसे छोड़ा नहीं जाता, अब तो हकीमों का कहना है की एक बूंद इश्क भी जानलेवा होगा !!
अजीब पहेलियां है
अजीब पहेलियां है हाथो की लकीरों में, सफर लिखा है मगर हमसफर नहीं लिखा !!
कांच के टुकड़े
कांच के टुकड़े बनकर बिखर गयी है ज़िन्दगी मेरी… किसी ने समेटा ही नहीं… हाथ ज़ख़्मी होने के डर से…
ना हमारी चाहत
ना हमारी चाहत इतनी सस्ती है ना ही नफरत, हम तो ख़ुदा के वो बंदे है जो बस दुआओं में ही मिलते है !!
तुम आओ और कभी दस्तक दो
तुम आओ और कभी दस्तक दो इस दिल पर,..!! प्यार उम्मीद से कम निकले तो सज़ा-ऐ-मौत दे देना…!!
गुज़रती शब का
गुज़रती शब का हर इक लम्हा कह गया मुझसे सहर के बाद भी इक रात आने वाली है…