क्यों भरोसा करता है गैरो पर, जबकि तुम्हें चलना है खुद के पैरो पर…….
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मोहब्बत की बर्बादी का क्या अफसाना था
“मोहब्बत की बर्बादी का क्या अफसाना था”..!!
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“दिल के टुकडे हो गये और लोगों ने कहा वाह क्या निशाना था”..!!
राख बेशक हूँ मगर मुझ में हरकत है
राख बेशक हूँ
मगर मुझ में हरकत है अभी भी ….
जिसको जलने की तमन्ना हो हवा दे मुझको…..
कितनी मासूम होती हैं ये दिल की धड़कनें
कितनी मासूम होती हैं ये दिल की धड़कनें….
कोई सुने या ना सुने, ये खामोश नहीं रेहती !!!
ग़म खाये जा रहा दिल को
ग़म खाये जा रहा दिल को इस ही एक बात का,,,,
ढल गया ह दिन अब बोझ उठाना ह रात का ।
जब तक शीशा था
जब तक शीशा था , लोगो ने बहुत तोडा।
जिस दिन पत्थर बना , लोगो ने देवता मान लिया॥
हमें तो जो भी मिला वो ख़ुदा
हमें तो जो भी मिला वो ख़ुदा बन के ही मिला,
कहाँ हैं वो जिन्हें कोई ख़ुदा नहीं मिलता.
बड़ा फर्क है तेरी और मेरी मोहब्बत में
“बड़ा फर्क है तेरी और मेरी मोहब्बत में……
तू परखता रहा……
और हमने ज़िंदगी यकीन में गुजार दी…!”
ये झूठ है…
ये झूठ है…
के मुहब्बत किसी का दिल तोड़ती है ,
लोग खुद ही टुट जाते है,,,
मुहब्बत करते-करते…..
रिश्ता
?” रिश्ता “?
कई लोगों से होता है , मगर …
कोई प्यार से निभाता है तो …
कोई नफरत से निभाता है ..