रहने दे मुझे इन अंधेरों में ग़ालिब, कमबख़्त रौशनी में अपनो के असली चहरे नज़र आ जाते है !!
Tag: Shayari
जब भी देखता हूँ किसी गरीब को
जब भी देखता हूँ किसी गरीब को हँसते हुए… तो यकीन आ जाता है कि खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता …
मानते है हममे “Maasumiyat”
मानते है हममे “Maasumiyat” है क्योकि “maasumiyat”के पहले 3 शब्द में “Maa” आता है.. और मुझे “Maa” से जुडी हर चीज़ पसंद है..
जिंदगी पर बस इतना ही लिख पाया हूँ
जिंदगी पर बस इतना ही लिख पाया हूँ मैं, बहुत मजबूत रिश्ते थे, बहुत कमजोर लोगो से….
नाराज़गियों को कुछ देर चुप रह
नाराज़गियों को कुछ देर चुप रह कर मिटा लिया करो ग़लतियों पर बात करने से रिश्ते उलझ जाते हैं
कोई बताये के मैं इसका क्या इलाज करूँ,
कोई बताये के मैं इसका क्या इलाज करूँ,… परेशां करता है ये दिल धड़क धड़क के मुझे
आहिस्ता बोलने का उसका
आहिस्ता बोलने का उसका अंदाज़ भी कमाल था__!! कानों ने कुछ सुना नहीं, पर दिल सब समझ गया!
तुम दूर हुए तो
तुम दूर हुए तो अहसास हुआ के कई घंटे होते हैं दिन में।
कश्ती भी ना बदली
कश्ती भी ना बदली, दरिया भी ना बदला, हम डूबने वालो का जज्बा भी ना बदला, हे जोक -ए -सफर ऐसा ऐक उम्र से हमने, मंजिल भी ना पाई और रास्ता भी ना बदला
उनके भीगे लबों की नरमी जैसी
उनके भीगे लबों की नरमी जैसी, कोई शराब जहां मे ऐसी है भी क्या साकी……..