फुरसत में ही

फुरसत में ही याद कर लिया करो हमें, दो पल मांगते है पूरी जिंदगी तो नही।।

लिखते है सदा

लिखते है सदा उन्हीं के लिए, जिन्होंने हमे कभी पढ़ा ही नहीँ।।

कभी फूर्सत मिली

कभी फूर्सत मिली तो तेरी ज़ूल्फ भी सूलझाउंगा आज ऊलझा हूवा हूं हालात को सूलझाने मे

कितनी आसानी से

कितनी आसानी से तुम्हारा जाना हुआ, रोका भी नही रुके भी नही पूछा भी नही सुना भी नही।।

दिल में आया था

दिल में आया था कोई, जल्दी में था सो चला गया।।

नज़दीक आते जा रहे हो

बहुत नज़दीक आते जा रहे हो, बिछड़ने का इरादा कर लिया है क्या।।

कागज पर गम को

कागज पर गम को उतारने के अंदाज ना होते, मर ही गए होते अगर शायरी के अलफ़ाज़ ना होते।।

इश्क तुझ से

इश्क तुझ से बुरा नहीं कोई, हर भले का बुरा किया है तूने।।

मुझसे हर बार

मुझसे हर बार नजरें चुरा लेता है वो मैंने कागज पर भी बना कर देखी है आँखें उसकी

करूँ क्यों फ़िक्र

करूँ क्यों फ़िक्र कि मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी जहाँ होगी महफिल यारो की मेरी रूह वहा मिलेगी|

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