बड़ी तकात है

“भरोसा” बहुत बड़ी तकात है
पर यह यू ही नही काम आती है

खुद पर रखो तो “ताकत” और दुसरो पर रखो
तो “कमजोरी” बन जाती है ।

दुख की बात

दुख की बात ये है की….
वक्त बहुत कम है….!!

ख़ुशी की

बात ये है की….
अभी भी वक्त है….!!

जैसी सोच..
वैसी जिंदगी….!!

याद मत आओ

खनक उठें न पलकों पर कहीं जलते हुए आँसू,, तुम इतना याद मत आओ के सन्नाटा दुहाई दे..!

धागे की तरह

मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते..,
या तो लोहे की तरह जोड़ दे,या फिर धागे की
तरह तोड़ दे..!!