बहुत रोकना चाहा पर रोक ना सका खुद को,
ये कमबक्त मोहब्बत भी गुनाहों जैसी है……….
Tag: Shayari
लहरो को छुने तक
मेरे बस मे हो तो लहरो को इतना हक़भी ना दू … लिखु नाम तेरा किनारे पे और लहरो को छुने तक ना दू !
छुपा लो इस
छुपा लो इस तरह से मुझे अपनी बाहो मेँ
कि
हवा को भी गुजरने की इजाजत लेनी पडेँ
pyaas bhujhane ke liye
Tere hontho ko chuma to ye ehsaas hua mujhe…Ki ek paani hi nahi hai pyaas bhujhane ke liye…!!
मेरे हर किस्से में
मेरे हर किस्से में तुम आते हो !!!
पर मेरे हिस्से में कब आओगे ?
तकलीफ दे तो
आदत’ बना ली है। मैंने खुद को तकलीफ देने की । ताकि जब कोई अपना । तकलीफ दे तो फिर ” तकलीफ ” न हो.
बदल के आते है
जिंदगी,, सुन,,, तू यहीं रुकना
हम जमाना बदल के आते है,,,,,!
मुझे दर्द दिया है!
नफरत ही सही तुमने मुझे कुछ तो दिया है!
इतनी बड़ी दुनिया में मुझे तन्हा किया है!
मैं तुमसे शिकायत भी यार कर नही सकता,
रब ने ही वसीयत में, मुझे दर्द दिया है!
तुम मुझको आंसुओं की, ये बूंदें न दिखाओ,
मैंने तो आंसुओं का समुन्दर भी पिया है!
जाने क्यूँ दर्द ज़ख्मों से बाहर निकल आया,
ज़ख्मों का तसल्ल्ली से रफू तक भी किया है!
तुम मुझे कोई उजाला न दिखाओ,
अब मेरा ही दिल मानो कोई जलता दिया है!”
दर्द की शायद
और भी बनती लकीरें, दर्द की शायद कई
शुक्र है तेरा खुदा, जो हाथ
छोटा सा दिया..
आओ कभी यूँ
आओ कभी यूँ मेरे पास की आने में लम्हे और
जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाये