राज ए उल्फत का तजूरबा तो हो
तेरा दिल मुझपे आशियाना तो हो
चांद निकलेगा रोज मेरे
घर में हुस्न जैसा कोई आईना तो हो |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
राज ए उल्फत का तजूरबा तो हो
तेरा दिल मुझपे आशियाना तो हो
चांद निकलेगा रोज मेरे
घर में हुस्न जैसा कोई आईना तो हो |
सुना है मद भरी नज़रें तेरी पीने नहीं देती
इज़ाज़त हो तो हम नज़रे मिला के देख लेते हैं.!!
भले ही मुजे देखकर कुछ बोलती नही मगर…..
सोचती तो होगी कि आ गया मेरा आशिक..!!
दिलों में खोट है जुबा से प्यार करते हैं,
बहुत से लोग दुनिया में सिर्फ यही व्यापार करते हैं
कल के दिन सभी भारतीय थे …
आज फिर से अपने अपने धर्म में चले गए …..
कडवा सच
मै तो तेरे एहसास से ही महक गया…
खुदा जाने इश्क होता तो क्या होता…
रात की झील में गोते लगाने चल दिए थे
तुम थी,
मैं था,
और एक जगमगाती कश्ती थी !
नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मैं..
मुहोब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हूँ मैं..
हुस्न वालों का वजन ही इतना होता है
कि दिल में बैठाते ही दिल टूट जाता है |
न जाने कब खर्च हो गये , पता ही न चला….!
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वो लम्हे , जो छुपाकर रखे थे “जीने के लिए”…!!