इस कदर हम

इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए,
कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए,
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!

जिस शहर में

जिस शहर में तुम्हे मकान कम और शमशान ज्यादा मिले…

समझ लेना वहा किसी ने हम से आँख मिलाने की गलती की थी….!!

ज़रूरी तो नहीं

ज़रूरी तो नहीं के शायरी वो ही करे जो इश्क में हो, ज़िन्दगी भी कुछ ज़ख्म बेमिसाल दिया करती है…