अगर मालूम होता की इतना तडपता है इश्क, तो दिल जोड़ने से पहले हाथ जोड़ लेते..
Tag: Shayari
सियाही फैल गयी
सियाही फैल गयी पहले, फिर लफ्ज़ गले,
और एक एक कर के डूब गए..
ये भी क्या सवाल हुआ
ये भी क्या सवाल हुआ कि इश्क़ कितना चाहिए,
.दिल तो बच्चे की तरह है मुझे थोड़ा नहीं सब चाहिए !!
आते हैं दिन हर किसी के
आते हैं दिन हर किसी के बेहतर,
जिंदगी के समंदर में हमेशा तूफान नही रहते।
अकेले आये थे
अकेले आये थे और अकेले ही जाना है,
फिर ये अकेला रहा क्यूँ नहीं जाता..
हर पल खुश रहूं
हर पल खुश रहूं ऐसा हो नहीं सकता,
यादें भी आखिर कोई चीज़ हुआ करती हैं|
तुम्हारे पास कोई
तुम्हारे पास कोई यकीन का ईक्का हो तो बतलाना,
हमारे भरोसे के तो सारे पत्ते जोकर निकले…!!
सोचा था इस कदर
सोचा था इस कदर उनको भूल जाएंगे,
देख कर भी उन्हें अनदेखा कर जायेंगे,
जब सामने आया उनका चेहरा, तो सोचा,
बस इस बार देख लें, अगली बार भूल जाएंगे…..
लफ्ज़ वही हैं
लफ्ज़ वही हैं , माने बदल गये हैं
किरदार वही ,अफ़साने बदल गये हैं
उलझी ज़िन्दगी को सुलझाते सुलझाते
ज़िन्दगी जीने के बहाने बदल गये हैं..
कांच था मैं
कांच था मैं किस तरह हीरे से करता दोस्ती..
क्या पता कब काट देगा प्यार से छू कर मुझे…