नहीं ज़रूरत मुझे तुम्हारी अब,
ख्यालात तुम्हारे काफ़ी है…..
तुम क्या जानो इस मस्ती को,
अहसास तुम्हारे काफ़ी है……
Tag: Shayari
धीमी-धीमी नस चलें
धीमी-धीमी नस चलें, रुक-रुक करके श्वास।
जीने की अब ना रही, थोड़ी सी भी आस।।
इक तमन्ना के लिए
इक तमन्ना के लिए फिरती है सहरा सहरा……!!
ज़िंदगी रोज़ कोई ख़्वाब नया लिखती है…!!
बेजुबान पत्थर पे
बेजुबान पत्थर पे लदे है करोंडो के गहने मंदिरो में..!
उसी देहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हें हाथों को देखा है..!!!
यूँ तो जिंदगी तेरे
यूँ तो जिंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी…
दर्द जब दर्ज कराने पहुंचे तो कतारें बहुत थी…!!
देख कर उसकी आँखो में
देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी…
दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…
जिनको हासिल नहीं
जिनको हासिल नहीं वो जान देते रहते हैं
जिनको मिल जाऊं वो सस्ता समजने लगते हैं !!
खुद मेँ झाँकने के लिए
खुद मेँ झाँकने के लिए जिगर चाहिए,
दूसरों की शिनाख्त मेँ तो हर शख़्स माहिर है..!!
दौड़ती भागती दुनिया
दौड़ती भागती दुनिया का यही तोहफा है,
खूब लुटाते रहे अपनापन फिर भी लोग खफ़ा है..!!
बिन बुलाये आ जाता है
बिन बुलाये आ जाता है, सवाल नहीं करता,
ये तेरा ख़याल भी न, मेरा ख़याल नहीं करता..