तुझको रुसवा न किया ख़ुद भी पशेमाँ न हुये,
इश्क़ की रस्म को इस तरह निभाया हमने..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तुझको रुसवा न किया ख़ुद भी पशेमाँ न हुये,
इश्क़ की रस्म को इस तरह निभाया हमने..!!
ज़बान कहने से रुक जाए वही दिल का है अफ़साना,
ना पूछो मय-कशों से क्यों छलक जाता है पैमाना !!
हमने मोह्हबत के नशे में उसे ख़ुदा बना डाला , और होश तो जब आया जब उसने कहा , ख़ुदा किसी एक का नहीं होता।।
बात ये है,के तुम बहुत दूर होते जा रहे हो. . .
और हद ये है कि तुम ये मानतीं भी नही. .
रहेगा किस्मत से यही गिला जिन्दगी भर,
कि जिसको पल-पल चाहा उसी को पल-पल तरसे…
बिना तेरे राते क्यों लम्बी लगतीं है …!
कभी तेरा ग़ुस्सा तेरी बातें , क्यों अच्छी लगती है …!
हमसे मोहब्बत का दिखावा न किया कर…
हमे मालुम है तेरे वफा की डिगरी फर्जी है
खुद से जीतने की जिद है…मुझे खुद को ही हराना है…
मै भीड़ नहीं हूँ दुनिया की…मेरे अन्दर एक ज़माना है…
हाथ की लकीरें सिर्फ सजावट बयाँ करती है,
किस्मत अगर मालूम होती तो मेहनत कौन करता।
दिल न मिल पाए अगर आंख बचा कर चल दो,
बेसबब हाथ मिलाने की जरुरत क्या है?