कोई वक़ालत नही चलती ज़मीं वालो की जब कोई फैसला आसमाँ से उतरता है…!!!
Tag: Shayari
खत क्या लिखा….
खत क्या लिखा…..
मानवता के पते पर
डाकिया ही गुजर गया
पता ढूढते ढूढते…..
ये क्यूँ था
ये क्यूँ था जनाज़े पे हुजुम मेरे?
जबकि तन्हा तन्हा थी जिंदगी।
चलने दो जरा आँधियाँ
चलने दो जरा आँधियाँ हकीकत की,
न जाने कौन से झोंके मैं अपनो के मुखौटे उड़ जाये।
ख्वाहिशों की चादर
ख्वाहिशों की चादर तो कब की तार तार हो चुकी…!!
देखते हैं वक़्त की रफूगिरि क्या कमाल करती हैं…!!
करीब ना होते हुए भी
करीब ना होते हुए भी करीब
पाओगे हमें क्योंकि…
एहसास बन के दिल में उतरना
आदत है मेरी….
कैसे बदलदू मै
कैसे बदलदू मै फितरत ए अपनी
मूजे तुम्हें सोचते रहनेकी आदत सी हो गई है
ख़त्म हो भी तो कैसे
ख़त्म हो भी तो कैसे, ये मंजिलो की आरजू,
ये रास्ते है के रुकते नहीं, और इक हम के झुकते नही।
न छेड़ क़िस्सा वो
न छेड़ क़िस्सा वो उल्फत का, बड़ी लम्बी कहानी है !
मैं ज़िंदगी से नहीं हारा, बस किसी पे एतबार बहुत था…
मत पूछो कि
मत पूछो कि मै यह अल्फाज कहाँ से लाता हूँ,
उसकी यादों का खजाना है, लुटाऐ जा रहा हूँ मैं….