तू बात करने का मौका तो दे तेरी कसम,
रूला दूंगा तुजे तेरी ही गलतियाँ गिनाते गिनाते…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तू बात करने का मौका तो दे तेरी कसम,
रूला दूंगा तुजे तेरी ही गलतियाँ गिनाते गिनाते…
अच्छे थे तो किसी ने हाल तक नहीं पूछा……!! बुरे बनते ही देखा हर तरफ अपने ही चर्चे है….
गगन तेरे लिए हूं मैं जमी मेरे लिए है तू।
हकीकत और ख्वाबों में ख़ुशी मेरे लिए है तू।
जमाना बेरहम है पर हकीकत जान ले ये भी,
बना तेरे लिए हूं मैं बनी मेरे लिए है तू।
मौसम का इशारा है खुश रहने दो बच्चों को
मासूम मोहब्बत है फूलों कि खताओं में…
घरों पे नाम थे
नामों के साथ औहदे थे
बहुत तलाश किया
कोई आदमी न मिला।
वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन,
उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा……
कल बहस छिड़ी थी मयखाने में जाम कौन सा बेहतरीन है,
हमने तेरे होंठों का ज़िक्र किया और बहस ख़त्म हो गयी…
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत
इतनी..!!जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या
करेंगे…!!
जमा कर खुद के पाँवों को चुनौती देनी पड़ती है
कोई बैसाखियों के दम पे अंगद हो नहीं सकता
….
बराबर उसके कद के यों मेरा कद हो नहीं सकता
वो तुलसी हो नहीं सकता मैं बरगद हो नहीं सकता