आजकल रिश्ते नाते, रोटी से हो गये,
थोड़ी सी आँच बढ़ी, और जल गये
Tag: Shayari
जंजीरे बदली जा रही थी..
फ़क़त सिर्फ जंजीरे बदली जा रही थी…
और मैं समझ बैठा के रिहाई हो गई है…..
सुना था लोगों से
सुना था लोगों से
वक्त बदलता है और अब .
वक्त ने बताया के
लोग भी बदलते है …….
कुछ बेरुखे रिश्तों ने
कुछ बेरुखे रिश्तों ने तोङा है हमें..!फिर पूछते हो तुम्हें हुआ क्या है…
कौन देगा चाय के पैसे
कौन देगा चाय के पैसे? मुसीबत थी यही,
इसलिए सब धीरे-धीरे चुस्कियां लेते रहे।
हम तो मशहुर थे
हम तो मशहुर थे अपनी तनहाइयों के लिए ,
मुद्तों बाद किसी ने पुकारा है,
एक पल तो हम रुक कर सोचने लगे,
कया यही नाम हमारा है ?
मुस्कुराने से शुरु और रुलाने पे
मुस्कुराने से शुरु और रुलाने पे ख़त्म.. ये वो ज़ुल्म है
जिसे लोग मुहब्बत कहते है…!
क्यूँ तुम नज़र में न
क्यूँ तुम नज़र में नहीं पर दिल में हो?
आँखों से शायद बह गया तुम्हारा वजूद …
बाजार सब को तौलता है
बाजार सब को तौलता है अब तराजू में,
फन बेचते अपना यहाँ फनकार भी देखे।
कदम रुक से गए
कदम रुक से गए आज फूलो को बिकता देख,
वो अक्सर कहा करते थे की प्यार फूलो जैसा होता हें…