कभी जी भर के

कभी जी भर के बरसना…
कभी बूंद बूंद के लिए तरसना…
ऐ बारिश तेरी आदतें मेरे यार जैसी है…!!

गिरा ना पाओगे

गिरा ना पाओगे लाख चाहकर भी मेरी शख्सियत को,
मेरा कारवां मेरे चाहने वालों से चलता हैं न की नफरत करने वालों से…!!!

कुछ तो है

कुछ तो है जो बदल गया
जिन्दगी में मेरी…

अब आइने में चेहरा मेरा
हँसता हुआ नज़र नहीं आता