हर फ़िक्र से आज़ाद थे, खुशियाँ इक़ट्ठी होती थी
वो दिन भी थे, जब अपनी भी गर्मियों की छुट्टी होती थी!!
#PyariShayri #प्यारीशायरी #22
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Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हर फ़िक्र से आज़ाद थे, खुशियाँ इक़ट्ठी होती थी
वो दिन भी थे, जब अपनी भी गर्मियों की छुट्टी होती थी!!
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