ऐ दोस्त

ऐ दोस्त, तू मुझे गुनहगार साबित करने की ज़हमत ना उठा, बस ये बता क्या-क्या कुबूल करना है, जिससे दोस्ती बनी रहे….

ऐ #दोस्त, तू मुझे #गुनहगार साबित करने की ज़हमत ना उठा,
बस ये बता क्या-क्या #कुबूल करना है, जिससे #दोस्ती बनी रहे…. #PyariShayri #प्यारीशायरी #92

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