चलनें दो ज़रा आँधियाँ हकीकत की…

चलनें दो ज़रा आँधियाँ हकीकत की… न जाने कौन से झोंकें में अपनों के मुखौटे उड़ जाए…

चलनें दो ज़रा #आँधियाँ #हकीकत की…
न जाने कौन से #झोंकें में #अपनों के #मुखौटे उड़ जाए…
#PyariShayri #प्यारीशायरी #43

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