बहुत रोये वो हमारे पास आके जब एहसास हुआ
अपनी गलती का,चुप तो करा देते हम,
अगर चहरे पे हमारे कफन ना होता.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बहुत रोये वो हमारे पास आके जब एहसास हुआ
अपनी गलती का,चुप तो करा देते हम,
अगर चहरे पे हमारे कफन ना होता.
वो लाख बेवफा सही पर ये बात सच हैं..यारो,में आज जो भी मोहब्बत सीखा हूँ वो बस उसकी मेहरबानीया है..
पढ़ ले ना दिल का दर्द कहीं अल्फाज़ बदल लेते है हम
आंखों में नमी आ जाए तो आवाज़ बदल लेते हम!!!
इतना शौक मत रखो इन इश्क की गलियों में जाने का..
क़सम से रास्ता जाने का है आने का नही..!!
कोशिश यही रहती है कि हमसे कभी कोई ना रूठे,
मगर नजर अंदाज करने वालो से हम नजर नहीं मिलाते…
सीख रहा हूँ मै भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर, कड़वे सच ने हमसे, ना जाने, कितने अज़ीज़ छीन लिए|
नाजुक लगते थे,जो हसीन लोग वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले!!
बेशक हासिल कुछ भी नहीं उन्हें मगर फिर भी..
खुश है कुछ लोग अपनों को ही परेशान करके…
महसूस कर रहा हूँ मैं खुद को अकेला काश़…तू आके कह दे…मैं हूँ तेरी ..
खुद को मेरे दिल में ही छोड़ गए हो,
तुम्हे तो ठीक से बिछड़ना भी नहीं आया…