हर नज़र से उम्मीद मत कर
ऐ दिल! प्यार से देखना किसी की आदत भी होती है॥
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हर नज़र से उम्मीद मत कर
ऐ दिल! प्यार से देखना किसी की आदत भी होती है॥
दिललगी मै वक़्त-ए-तन्हाई
ऐसा भी आता है,
रात तो आसानी से गुजर जाती है, मगर अँधेरे नही जाते!!
मंजिले तो हासिल कर ही
लेगे, कभी किसी रोज,,,
ठोकरे कोई जहर तो नही, जो खाकर मर जाऐगे…..
पानी फेर दो इन पन्नो पर..
ताकि धुल
जाये स्याही..!
ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन
करता है.. कभी कभी..!!!
कांच की गुडिया ताक में
कब तक सजाये रखेंगे,
आज नहीं तो कल टूटेगा,
जिसका नाम खिलौना है..!!
मैं पूछता रहा
और फ़िर..
इस तरह
मिली वो मुझे सालों के बाद ।
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद ।।
मैं पूछता रहा उस
से ख़तायें अपनी ।
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद ।।
मैं अपनी चाहतों का
हिस्सा
जो लेने बैठ जाऊं,
तो सिर्फ मेरा याद करना
भी ना लौटा सकोगे ।
बोझ सीने पे बहुत है साहब,
पर मुस्कुरा देने में क्या लगता है l
मुफ़्त में सिर्फ माँ -बाप का प्यार मिलता है। उसके बाद हर रिश्ते की कीमत चुकानी पड़ती है ।।
स्वर्ग में सब कुछ है लेकिन मौत नहीं है,
गीता में सब कुछ है लेकिन झूठ नहीं है,
दुनिया में सब कुछ है लेकिन किसी को सुकून नहीं है,
और
आज के इंसान मे सब कुछ है लेकिन सब्र नहीं…………..,किसी ने क्या खूब कहा ना खुशी खरीद पाता हू ना ही गम बेच पाता हू फिर भी मै ना जाने क्यू हर रोज कमाने जाता हू …