गुमसुम बैठ न जाना

गुमसुम बैठ न जाना साथी,
दीपक एक जलाना साथी!
सघन कालिमा जाल बिछाए,
राह देहरी नजर न आए,
विजय की राह दिखाना साथी,
दीपक एक जलाना साथी!
आ सकता है, कोई झोंका,
क्योंकि हवा को किसने रोका!
दोनों हाथ लगाना साथी,
दीपक एक जलाना साथी!!

Mohabbat Lafzon Ki

Mohabbat Lafzon Ki Mohtaaz Nahi Hoti!
Jab Tanhai Mein Apki Yaad Aati Hai,
Hontho Pe Ek Hi Fariyad Aati Hai…
Khuda Aapko Har Khushi De,
Kyonki Aaj Bhi Hamari Har Khushi Aapke Baad
Aati Hai.

आज सुबह सुबह

आज सुबह सुबह

मौत बड़े गुस्से में आके मुझसे बोली की
“मैं तेरी जान ले लूँगी”
मैंने भी कह दिया की जिस्म

लेना है तो ले ले जान तो कोई और ले गया है ll