Zaruri nahi har baat par mera kaha mano…
Dehlij par rakh di hai
chahat aage tum jaano…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
Zaruri nahi har baat par mera kaha mano…
Dehlij par rakh di hai
chahat aage tum jaano…!!!
ख़ुबसूरत था इस क़दर के महसूस ना
हुआ..
कैसे,कहाँ और कब मेरा बचपन चला गया….
कब तक लफ़्ज़ों की
कारीगरी करता रहूँ…
…
समझ जाओ ना that I love you
जरूरतें भी जरूरी हैं जीने के लिये …..लेकिन …
तुझसे जरूरी तो जिंदगी भी नही……..
आज दिल में एक अजीब सा दर्द है मेरे मौला ।
ये तेरी दुनिया है! तो यहाँ इंसानियत क्यों मरी है।
एक उसूल पर गुजारी है जिंदगी मैंनें,
जिसको अपना माना उसे कभी परखा नही..
ये जो खामोश से अल्फ़ाज़ लिखे है ना,
पढ़ना कभी ध्यान से, चीखते कमाल के हैं..
त्यौहार के बहाने ही सही…
रिश्ते घर तो लौट आते है..
जो प्यासे हो तो अपने साथ रक्खो अपने बादल भी
ये दुनिया है विरासत में कुआँ कोई नहीं देगा
इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ
मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है